अग्गम बुद्धि बांणियौ, पिच्छम बुद्धि जाट।
तुरत बुद्धि तुरकड़ो, बांमण सम्पट पाट॥
बातां रीझै बांणियौ, रागां सूं रजपूत।
बांमण रीझै ळाड़वां, बाकळ रीझै भूत॥
जंगळ जाट न छोड़िये, हाटां बिचै किराड़।
रंघड़ कदैयन छोड़िये, जद तद करै बिगाड़॥
बींद मरौ बींदणी मरौ, बांमण रै टक्कौ त्यार।
ठाकर ग्या ठग रिया, रिया मुळक रा चोर॥
प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
अधिवक्ता और *अखिल भारतीय मारवा...
4 हफ़्ते पहले