दारु पीवो रण चढो, राता राखो नैण।
बैरी थारा जल मरे, सुख पावे ला सैण॥
सोरठ रो दोहो भळो, कपड़ो भळो सपेत।
नारी तो निवली भळी, घोड़ो भलो कुम्मेत॥
ब्रजदेशाँ चन्दन बना, मेरु पहाड़ाँ मौड़।
गरुड़ खगाँ, लंका गढाँ, राजकुलाँ राठौर॥
(संकलनः- द ग्रैट इंडियन राव)
प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
अधिवक्ता और *अखिल भारतीय मारवा...
4 हफ़्ते पहले