Banwari Sharma ओजी ओ हदक मिजाजी ओ ढोलाh मतना सिधाऔ पूरबियै परदेस रैवो नै अमीणै देस | पूरबियै मैं तपै रै तावड़ौ, लूवां लाय लगाय घूंघट री छांयां कुण करसी, कुण थांनै चँवर डुळाय ओजी मिरगानैणी रा ढोला, मतना सिधाओ पूरबियै परदेस, रैवो नै अमीणै देस | पूरबियै मैं डांफर बाजै, ठंड पड़ै असराळ सेज बिछा कुण अंग लगासी, पिलँग पथरणौ ढाळ ओजी पिया प्यारी रा ढोला, मतना सिधाऔ पूरबियै परदेस, रैवो नै अमीणै देस | पूरबियै मैं बसै नखराळी, कांमणगारी नार कांमण करसी मन बिलमासी, झांझर रै झिंणकार ओजी चन्नावरणी रा ढोला, मतना सिधाऔ पूरबियै परदेस, रैवो नै अमीणै देस | चैत महीनै रुप निखरतां, क्यूं छोडौ घरबार च्यार टकां की थारी नोकरी, लाख टकां की नार ओजी नणदलबाई रा ओ वीरा, मतना सिधाऔ पूरबियै परदेस, रैवो नै अमीणै देस |
प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
अधिवक्ता और *अखिल भारतीय मारवा...
4 हफ़्ते पहले
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