शंकर शीश शशि अत चमंकत,
सती उमिया विराजत संग,
नीलकंठ असवारी नंदी,
जटा मुकुट में खळके गंग,
शेषनाग लिपटायो शंकर,
भळ हळ भळके गळे भुजंग,
अमल भांग आरोगे अबधू ,
भस्मी भोळो लगावत अंग।।
।।शंभू कजोई।।
प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
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4 हफ़्ते पहले
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