गंग विराजत संग तुम्हारे अंग भभूत लगी अति प्यारी
कर तिरशूल नहीं दुकूल बाघम्बर तन पर तुम धारी
पिवत कालकूट सोहे जटाजूट नंदी की करते हैे असवारी
लोचन तव तीन काया अति छीन संग सोहे गिरिजा महतारी
राजावत श्रवण सी कृत
प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
अधिवक्ता और *अखिल भारतीय मारवा...
4 हफ़्ते पहले
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