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चार बांस चोवीस गज..

Rao GumanSingh Guman singh


चार बांस चोवीस गज, अंगुळ अष्ट प्रमाण।

ईते पर सुळतान है, मत चूकैं चौहाण॥


ईहीं बाणं चौहाण, रा रावण उथप्यो।

ईहीं बाणं चौहाण, करण सिर अरजण काप्यौ॥

ईहीं बाणं चौहाण, संकर त्रिपरासुर संध्यो।

ईहीं बाणं चौहाण, भ्रमर ळछमण कर वेध्यो॥


सो बाणं आज तो कर चढयो, चंद विरद सच्चों चवें।

चौवान राण संभर धणी, मत चूकैं मोटे तवे॥

ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो गोकुळ में कानह।

ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो हथह भीम कर॥

ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो राम रावण संतावण।

ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो अहंकारी रावण॥


बरसी तीस सह आगरों, लछन बतीस संजुत तन।

ईम जपे चंद वरदाय वर, पृथ्वीराज उति हार ईन॥