राजिया रे दूहा सारु http://rajiaduha.blogspot.com क्लिक करावें रज़वाड़ी टेम री ठावकी ख्यातां रो ब्लॉग आपरै सांमै थोड़ाक टेम मा आरीयो है वाट जोवताईज रौ।

वाह! मराठण वाह!॥

Rao GumanSingh Guman singh

जुलमी जुलम कियो घणो,गिरी गुलामी गाज।        बैरण बण गौरों तणी,लिसमी रखली लाज।।
मरहट्ठी हट्टी नही, दटी रही कर घाव।
औ राणी अंग्रेज सूं, बूंदेली घण चाव  ॥
सबसूं उपर देश हित, मन में मरण उछाह।
करण निछावर प्राण निज, वाह! मराठण वाह!॥
लियां हाथ शमसीर,चढ़ी रँग तुरँगज तातां।
अमर रैवसी लिछमी थारे जस री बातां। 
खण्ड भलौ बुन्देल,देश मरहट्ठ उप्पज्जि।
झांसी जस ल्यो जीत जठै लिच्छमीज निप्पज्जि।  जोर लड़े घनघोर बड़ो बलशील अबै चकरावत भारी
वेग प्रहार करे रजनीचर हाथ घुमाय कियो जुध भारी
फेर कियो गिद्धराज तबै  पग नाखुन से हमलो अति भारी
रावण क्रोध कियो तब आकर काट दिए पंख ज्यु आरी देख जटायु सिया हरती झट जाय तहाँ भड़ जाय पुकारी
रे दुष्ट आज अनीत करी छल से हरली यह राजकुमारी
मैं न तुझे अब जावन दूँ भल प्राण हमार चढ़े बलिहारी
चोंच उठाय प्रहार कियो अब रावण काढत है तरवारी
मराठण मर्दानीह । फिरंग दळ घण फोरिया ।।
रंग लिछम राणीह । दीप्यो जस दुनियाण में ।।