इण गाथा नै'तेजो' कैइज्यै। ओ तेजो अठै रा हाळी गावै। इण वास्तै ओ गीत खेतीखड़ां अर हाळियां रो बाजै।
गाथा मुजब ग्यारवींसताब्दी में मारवाड़ रै नागाणै देस रै नागौर परगनै खरनाळ गांव में धोळिया जाट वंशज
सरदार मोहितराव राजकरता। मोहितराव रै बेटै थिरराव रै छठै बेटै रै रूप में संवत 1010 री भादवा सुद दसम
नै तेजोजी जलम्या।मोहितराव खुद खरनाळ रा शासक होवता थकां आपरो घरू करसाणी काम खुद करता
अनै आपरै बेटा-पोतां सूंकरवाता। तेजोजी भी हाळी हा। कर्नल टॉड रै मुजब जाट एक जूझारू कौम है जकै
खेती रै साथै-साथै आपरी वीरता राप्रमाण ई दिया है। तेजो एक ऐड़ो ई चरितर है जको बहादुरी रै कारण मरुभोम
रो लोकनायक अर पछै लोकदेवताबणग्यो। वीर, सच्चो, सीधो अर भोळो हुवै। बो चालतो ई भोभर में पग देद्यै।
पराई लाय में कूद पड़ै। सांच नै पारलंघावण सारू उधारी लेयल्यै। सांच रै पाणै में लाठी लेय'र कूद पड़ै।
अर सुभ काम में बो मौको-बेमौको,नफो-नुकसान, जगां-बेजगां अर वेळा-कुवेळा कोनी देखै।
साच री जीत सारू जूझणो ई वो आपरो धेय मानै। क्यूँकै वीररी फितरत में खुद रो उजाड़'र दूजां रो बसावण री
खासियत हुवै। कैबा है कै कायरां सूं जुग बसै पण जोधां री तो गाथाई चालै। इसो ई एक जोधो हो तेजो, जको लावण
तो गयो आपरी नुंवी-नकोर बीनणी, जकी बरसां सूं उणरी बाट जोवैही अर बीड़ो चाब बैठ्यो लाछां गूजरी रो।
जकी री गायां नै गुवाळियां सूं झांप'र धाड़वी ले ज्यांवता। लाछां गळगळीहोय'र इमदाद मांगी। पछै देर क्यांरी!
जोम अर जोस सूं तेजै रा गाबा फाटण लागग्या। गायां री वार चढ्यो।देखतां-देखतां खांडो लेय'र धाड़वियां में कूद
पड़्यो। सैंकड़ूं डाकुआं रा रुंड-मुंड उडाय'र गायां नै आजाद कराई। पणघायल इसो हुयो कै तिंवाळो खाय'र जमीं पर
पड़ग्यो अर सदां-सदां सारू मरुभोम रै कण-कण में रळग्यो। सुरीली रागबण'र हाळियां रै कंठां बसग्यो।
जठै बसणो चइयै हो बठै बसग्यो। हां, बहादुरां रा घर तो दो ई जिग्यां हुवै। का कंठां में,का दिलां में। दूहो है-