Rao GumanSingh
Guman singh
एक गांव मं एक लुगाई आपरै मिनख रै सागै रेवती ही। ऐक भूत एणरै घर मंे घुस ग्यौ। भूत उत्पादी हौ। एकर वौ घर रा धणी नै मार दियौ। उण समै उणरी लुगाई पेट सूं ही। धणी रै मरिया पछै लुगाई सौवियौं के इण घर मं रेवण रौ फायदौं नीं है। भूत म्हारा टाबर अर म्हानै मार डालेला। आ बात सोच व आपरै पीहर निकलगी। वठै उणै छौरौ व्हियौ। छौरौ बदमास हो। वौ आपरा सागै खेलण वाला छोरा-छौरिया नै बात-बात माथै मारतौ हौ। एक उणरा सगी कह्यौ-थ्हारै बाप रौ थ्हानै पतो नीं अर म्हानै दिन भर ठोकै पीटै। छोरा रा मन मे आ बात घर कर गी। वौ घरै आयनै मां सूं बाप रै बारै मंे पूछियौ, मां सगळी बात बताय दी। छौरौ कह्यों, मां म्है तौ घरे जायनै ही रेवंूला। थूं भलै ही अठै रह। मां छोरा नै घणौ समझायौं पण वौ पक्को जिद्दी हौ नीं मानियौं जकौ नीं मानियो। वौ घरे व्हिर व्हियौ। घर पहुंचण रै पछै वौ घर साफ करियौं अर घणी सारी लकडियां भैळी करनै घर मंे ळाय लगाय दी। भूत आया तौ छौरौ लक्कड़ लैयर उण मौथै झपटौ मारियज्ञै। भूत डर ग्यौ, अर कह्यौं, कुण है रै ? छौरौ कह्यौ, म्हैं इण घर रौ धण्री हूं। म्हैं रोज खानौ बणफं ला, थूं रौज सामान लेयर आयजै। भूत बापड़ौ की करतौ ? वौ छोरा री बात मान ली। दोनूं ही सागै रैवण लागा। अेकर छोरौ पूछियौ थूं रोज किण ठौर जावे ? भूत कह्यौं, म्है भगवान रै दरीखानै जाया करू। आ बात सुण छोरौ कह्यज्ञै, कल जद थूं दरीखानै जावै तो भगवान सूं म्हारी उमर पूछनै आयजै ? दूजे दिन भूत आयनै छौरा नै बतायौ के थ्हारी उमर अस्सी बरस हैं। छौरौ कह्यौ, अबै औ पूछजै कै इण उमर मंे अेक या दो दिन अठीनै-उठीनै व्है सकै कीं। दूजें दिन भूत आयने कह्यौ, भगवान रौ कैवणौ है कै उमर मंे अेक दिन तौ दूर अेक घड़ी भर रौ फरक नीं व्है सकै। मौत तौ जिण समै लिखी है उण समै व्हैला ही। इतरौ सुणतौ ही छौरौ भूत माथै लकड़ी लैयर झपटियौ। भूत कह्यों, औ की करै ? म्है थ्हानै मार दूं ला। छोरौ कह्यौ, म्हारी उमर अस्सी बरस है, थूं तौ कीं भगवान भी म्हनै नी मार सके। थू म्हांसू बचनौ चावै तौ अठा सूं भाग जा,ं नैड़ौ भी मत दीखजै। भूत बापड़ौ नैनौं मुंडौ करनै वठा सूं निकलग्यौ। छौरौ मां नै भी वठै बुला ली। दोनू राजी खुसीं रैवण लागा।