सावण आयो सायबा, पगां बिळूंबी गार।तरां बिळूंबी बेळड़यां, नरा बिळूंबी नार॥
च्यारुं पासै घण घणो, बिजळ खिवै अकास।हरियाळी रित तो भळी, घर संपत पिव पास॥
ळूमां झड़ नदियां ळहर, बग पगंत भर बाथ।मोरां सोर ममोळियां, सावण ळायो साथ॥
हरणो मन हरियाळियां, उर हाळियां उमंग।तीज परब रंग त्यारियां, सावण लायो संग॥
आभ गड़ै बीजां अडै़, मौरां धरै मळार।कामण धरा धपाड़वां, आयो मैह उदार॥
मोर सिखर ऊंचा मिळै, नाचै हुआ निहाळ।पिक ठहकै झरणा पड़ै, हरियै ड़ूंगर हाळ॥
धन धोरां, जोरां घटा ळोरां बरसत ळाय।बीज न मावै वादळां, रसिया तीज रमाव॥
घर घर चंगी गोरड़ी, गावै मंगळाचार।कंथा मती चुकावज्यो, तीजां तणो तिवार॥
आज ऊवैळा उनमियो, मेड़ी ऊपर मैह।जाऊं तों भींजै कांचळीं, रैवुं तो टूटै नेह॥
भड़कत तड़कत बीजळी, धड़कत गाज।कोप करयां आवे, या कुण ऊपर आज॥
भर पावस सज्जण नहीं, उल्हरियों जसराज।जाणूं छूं ले जावसी, काढ़ कळेजो आज॥
घटा बांध बरसे जसा, छांट लगै खग भाय।इण रित साजण बाहिरा, क्यूँ कर रैण बिहाय॥
घर ळीळी गिरवर धुपै, घन मधरो घहरात।निस सारी खारी ळगै, बिन प्यारी बरसात॥
परनाळा पाणी पड़ै, भींजैं गढ़ री भींत।सूता आवै औजका, राजण आवै चींत॥
अगग्गां सगग्गां नदी बहै, नदी न ळागै नावं।हिरणी हो हेळो देवूं, आवो जी प्रीतम आव॥
च्यारुं पासै घण घणो, बिजळ खिवै अकास।हरियाळी रित तो भळी, घर संपत पिव पास॥
ळूमां झड़ नदियां ळहर, बग पगंत भर बाथ।मोरां सोर ममोळियां, सावण ळायो साथ॥
हरणो मन हरियाळियां, उर हाळियां उमंग।तीज परब रंग त्यारियां, सावण लायो संग॥
आभ गड़ै बीजां अडै़, मौरां धरै मळार।कामण धरा धपाड़वां, आयो मैह उदार॥
मोर सिखर ऊंचा मिळै, नाचै हुआ निहाळ।पिक ठहकै झरणा पड़ै, हरियै ड़ूंगर हाळ॥
धन धोरां, जोरां घटा ळोरां बरसत ळाय।बीज न मावै वादळां, रसिया तीज रमाव॥
घर घर चंगी गोरड़ी, गावै मंगळाचार।कंथा मती चुकावज्यो, तीजां तणो तिवार॥
आज ऊवैळा उनमियो, मेड़ी ऊपर मैह।जाऊं तों भींजै कांचळीं, रैवुं तो टूटै नेह॥
भड़कत तड़कत बीजळी, धड़कत गाज।कोप करयां आवे, या कुण ऊपर आज॥
भर पावस सज्जण नहीं, उल्हरियों जसराज।जाणूं छूं ले जावसी, काढ़ कळेजो आज॥
घटा बांध बरसे जसा, छांट लगै खग भाय।इण रित साजण बाहिरा, क्यूँ कर रैण बिहाय॥
घर ळीळी गिरवर धुपै, घन मधरो घहरात।निस सारी खारी ळगै, बिन प्यारी बरसात॥
परनाळा पाणी पड़ै, भींजैं गढ़ री भींत।सूता आवै औजका, राजण आवै चींत॥
अगग्गां सगग्गां नदी बहै, नदी न ळागै नावं।हिरणी हो हेळो देवूं, आवो जी प्रीतम आव॥
excellent totally a different experience
आपकी रचना शानदार है ,आपके ब्लॉग पर मारवाडी भाषा पढ्कर सुखद अहसास होता है ,बहुत वर्षों पहले मारवाडी पत्रिका "माणक" में राजस्थानी भाषा में पढ़ा था, और अब आपका ब्लॉग
इसी तरह लिखते रहे , धन्यवाद |
www.rajputworld.co.in
you are excellent, i respect you'r poem
thanks, send me more in next time, than i sher it, bettwen my police stafe,
hanuman singh
Ranasthan police
you are excellent, i respect you'r poem
thanks, send me more in next time, than i sher it, bettwen my police stafe,
hanuman singh
Ranasthan police
saawan ne marwadi me chokho likhiyo sa... with best wishes
Advocate Anand Khandelwal