जन्मे सूत सादल जिसों,आहंसी तपवान!!१!!
"धर गुज्जर वालो धणी ,सोलंकी सिधराव !
बणियो बनदो बनथली,कहिया सुजस कहाव !!
देग तेग भड़ डोडिया ,बांका जगत विख्यात !
ए अनमी अपनाविया,राव धणी गुजरात !!२!!
Father day
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-*शंभु चौधरी*-
पिता, पिता ही रहे ,
माँ न बन वो सके,
कठोर बन, दीखते रहे
चिकनी माटी की तरह।
चाँद को वो खिलौना बना
खिलाते थे हमें,
हम खेलते ही रहे,...
5 हफ़्ते पहले
guman singh ji,
sadar pranam,
kai keu thane .. fagat eto e shayad moklo hovela ke thane kar badha pranam thare sovne blog ri ooliya ne dekhr.
aabhar, sadhuwad