जन्मे सूत सादल जिसों,आहंसी तपवान!!१!!
"धर गुज्जर वालो धणी ,सोलंकी सिधराव !
बणियो बनदो बनथली,कहिया सुजस कहाव !!
देग तेग भड़ डोडिया ,बांका जगत विख्यात !
ए अनमी अपनाविया,राव धणी गुजरात !!२!!
अमृत महोत्सव से अमृतकाल तक की यात्रा
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*अमृत महोत्सव से अमृतकाल तक की यात्रा*
लोगों को अब दंड नहीं बल्कि उनको न्याय दिलाया जाएगा। यह अलग बात है कि दंड
दिए बिना न्याय कैसे मिलेगा? सवाल खड़ा तो ...
8 माह पहले
guman singh ji,
sadar pranam,
kai keu thane .. fagat eto e shayad moklo hovela ke thane kar badha pranam thare sovne blog ri ooliya ne dekhr.
aabhar, sadhuwad