राजिया रे दूहा सारु http://rajiaduha.blogspot.com क्लिक करावें रज़वाड़ी टेम री ठावकी ख्यातां रो ब्लॉग आपरै सांमै थोड़ाक टेम मा आरीयो है वाट जोवताईज रौ।

मारु थारा देस में, निपजे तीन रतन

Rao GumanSingh Guman singh



कोई घोडो कोई पुरखडों, कोई सतसंगी नार।
सरजण हारे सिरजिया, तीनूं रतन संसार।।

जौधाणे री कामणी, गोखां काढै गात।
मन तो देवां रा डिगै, मिनखा कितीक बात।।


जोधाणो जसराज रो, खूबी करे खलक्क।
खावण पीवण गांठ रो, देखण री हलक्क।।

मारु थारा देस में, निपजे तीन रतन।
एक ढोला दूजी मारवण, तीजो कसूमल व्रन्न।।

खग धारां थोड़ां नरां, सिमट भरयो सह पाण।
इण थी मुरधर तरळ जळ, पाताळां परवांण।।

2 comments:

  1. RAJNISH PARIHAR ने कहा…

    काई बात है सा ...भोत ही आछ्या दोहा ल्याया हो....

  2. Dashrath Singh Bhati ने कहा…

    Wah ...Rao Shab