लावो ल्यो संसार रो छोड़े द्यो लोभने ,
मरद्दां रंग ने राक मांणो !!
चार दिन चटक्का करे ल्यो छेलड़ां ,
ताकड़े हेमरे तंग तांणो !!१!!
मांणजो वस्तु जोय भली माढुआं ,
लोभ सोय छोड़ने लाहो लीजे !!
उधार न करीजे घड़ी पण एक री ,
काम धार्यो भलो परो कीजे !!२!!
पेहरीजे ओढीजे जेमीजे प्रेम सूं ,
दहि ने सुख तो घणो दीजे !!
भले धोड़े चड़ो भले ऊटे चड़ो ,
रांम तो इयुं कियां घणो रीझे !!३!!
जरा ले जावसी जम्म जो जोवन्तां ,
वावळां आपड़े पसे वारू !!
होवे जो धन तो वापरो हाथ सूं ,
सकोय पण सकोय री पोस सारू !!४!!
वेळा मत करो थे दन व्हे जावसी ,
खरचजो मरद्दां दाम खासा !!
चंदीयो कहे रे वेगेरा चेतजो ,
ऐक पण घड़ी री नहीं आशा !!५!!
प्रेषित मीठा मीर डभाल
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