भारत मांय विलय रै पछै राजस्थान नै हर जगा निचै माथौ करणौ पड़ रह्यौ है. आज राजस्थांन री नूंवी पीढी लिखणी तौ दुर री बात है, राजस्थानी बोल ईं कोनी सकै है.
जकौ कोई बोले है, वै अगर एक जिल्ला सूं दूजै जिल्ला मांय जाय तौ बोलै आ राजस्थानी तौ दूजी है अर हिंदी मांय बात करै.
मान्यता नीं मिलण सूं राजस्थांनी रा सबद कोश मांय हिंदी सबदां री भरमार हुवती जाय रह्यी है.
आज भारत सरकार सामै भीख मांगण री कोई जरुरत कोनीं. आपां राजस्थांनी भारत सरकार नै देवौ हौ, अर बदळी मांय भारत आपां नै कांई देवै है ??? हरि रा नांव ....!
सीमा उपर मरवा वाळा फक्त अर फक्त राजस्थांनी निजर आवै, देश रै आर्थीक विकास मांय राजस्थांनीयां रौ घणौ मोटो जोगदान है. अर इण री बदळी मांय औ दिल्ली दरबार आपां नै आपणै राजस्थांन मांय इज राजस्थांनी बोलण सूं रौकै है. एड़ौ जुलम तौ मुगलां अर अंग्रेजां रै टाईम इ नीं हुयौ. मुगल बादशाह जद राजपुतानै रै कोई राजा नै कागद लिखता हा तौ वै राजस्थांनी भासा रौ प्रयोग करता हा अर जद राजस्थान रौ कोइ राजा मुगलां नै कागद लिखतौ तौ ई भासा राजस्थांनी हुवती.
अंगरेजा रै राज मांय ईं रजवाड़ा री राजभासा राजस्थांनी ही.
इब सगळी बात रौ सारांश अर लारला 60 बरस भारत रै सागै काढ’र औ नतीजौ निकळै कै भारत मांय राजस्थांन रौ विलय आपणी सबसूं बड़ी भुल ही, आ भारत सरकार आपणा मिनखां नै, आपणां विधायकां नै आपणै राजस्थांन मांय इज आपणी मायड़भासा राजस्थांनी नीं बोलण देवती. इण भारत सरकार रौ बस चालै तौ आ आपणै घरां मांय ईं हिंदी भासा अनिवार्य कर देवै, हाल तौ पोसाळां मांय राजस्थांनी बोलण पर जुर्मानौ लागै है.
सौ बात री एक बात, भीख मांगणी तौ करौ बंद. हक मांगौ... अर आपणौ हक नीं दे सकै तौ आजादी मांगौ.... स्वतंत्र राजस्थांन...
आपणां राजस्थांनी भाईया नै भारत सरकार री फौजां मांय जावण सूं ना पाड़ौ अर अगर देस सेवा री भावना मन मांय हुवै तौ मायड़भोम राजस्थांन री सेवा करै.
जै राजस्थांन! जै राजस्थांनी!!
Are Hukam aap to copy paste ra master ban giya ho
any way thanks for copying
hanvant, rajasthani ri khari ar khaari baat kise bhi manch, blog par aave to ghane harakh ri baat chhe. iti loonthi baat keven vaale ne ar in ne blog par laavan vaale ne mhaaraa salaam. jai rajasthani. vinod saraswat, bikaner {rajputana}