स्कंद पुराण रा श्रीमाल महात्म्य रै ३३वें अध्याय मायने खरानना देवी री जाणकारी मिलै। इणरे मुताबिक श्रीमाल याने भीनमाल इलाकां में सरकूप नाम रो तीरथ मायै गरदभ जैडा मुंडा वाली खरानना देवी री जगै है। ऐड़ी मानता है कै इणरा दरशन सूं जीव रौ भय मिट जावै। माजीसा री पूजा करण सूं किणी भी भांत रा दुसमण नैडा नीं आवै। डरावणा सुपणा दूर जावै। ज्योतिष अर तंत्र शास्त्रां में नवग्रह अर चौषठ जोगणियां री पूजा रौ विधान है। खरानना देवी इण चौषठ जोगणियां रे मायने सूं एक है। श्रीमाली ब्राह्म्णां रे मांय दवे- गोधाआं री कुलदेवी खरानना देवी ही है। जोधपुर किलां रै लारे पुराणो अमरनाथ मंदिर, रिक्तिया भैरूजी मंदिर, दत्त समाज री समाधि अर कलजी महाराज रौ आश्रम है। पैला अठै एकलिंगजी स्थापित हा, पण कुछ बरस पैलां इण मंदिर रो जीर्णोद्वार व्हियो। पछै अठै शरद पूनम रै दिन नवग्रह अर खरनना देवी री परतिमा लगाई गी। कैवे कै इन नवग्रहों री परतिमा राजमहल ठाकर लाया हा। परतिमा फतेहसागर री शिव बावड़ी में रखी ही। इणरै बाद जिण-जिण परतिमा लगावा रो परयास करियौ वो काल रा मुंडा में गिया परा। नौ बामण मर ग्या। तब शास्त्रोक्त विधान रै मुजब शुद्र वर्ग रा आदमी सूं सूरज देव री परतिमा लगाई गी। शास्त्रीय विधान री पालणा करण सूं इण रै पछै हादसा नीं व्हियो। नवग्रह री परतिमा में सूरज देव बीच में स्थापित करिया। परतिमा नै सोना जैड़ा कपड़ा पैराया। चंद्रमा रो आसण अग्रिकोण कानी है। उननै धोला कपड़ा पैराया। आ परतिमा पचिम दिसा री कानी है। चंद्रमा धरती रै पाणी नै परभावित करै अर दरिया में आवा वाळा जवार भाटा रां नियामक है। इण कारण सूं वै मानव मन रे मायने आवा वाला जवार भाटा नै काबू करै है। कैवे है कै आदमी पूनम अर इणरै आगे अर लारे री तिथियां माथै खुदकुसी करै। मंगल ग्रह री परतिमा माथै लाल कपड़ा पैराया ग्या है। अर इणरौ मुंडो दखिन दिसा री कानी है। आगली वातां सारू बाट जोवौत्र........ साभार:- मारवाड़ री फुलवारी
Father day
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-*शंभु चौधरी*-
पिता, पिता ही रहे ,
माँ न बन वो सके,
कठोर बन, दीखते रहे
चिकनी माटी की तरह।
चाँद को वो खिलौना बना
खिलाते थे हमें,
हम खेलते ही रहे,...
5 हफ़्ते पहले
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