जरणी धर जाळोर री, जीतां अरि पग जाय।
लाजै मावड़ लोरियां, कुळ काळस लग जाय॥
भारत रचियां ही भड़ां, भारत रुप कहाय।
भारत सूं के दिर डरां, रहणी भारत मांय॥
प्रमलै सौरभ पौढियौ, आजादी री आंण।
जलम घूंट में जांणियौ, समर चढ़ंण चहुआंण॥
वरदायक वर वीरता, प्रथमी जस पूजाण।
सिर पडियां लड़ियौ समर, वीरमदेव चहुआंण॥
रंण बंका थैं राखियौ, मात भौम रो मांण।
अवसल वीरम आप री, पिरलै लग पहचांण॥
चार बांस चोवीस गज, अंगुळ अष्ट प्रमाण।
ईते पर सुळतान है, मत चूकैं चौहाण॥
ईहीं बाणं चौहाण, रा रावण उथप्यो।
ईहीं बाणं चौहाण, करण सिर अरजण काप्यौ॥
ईहीं बाणं चौहाण, संकर त्रिपरासुर संध्यो।
ईहीं बाणं चौहाण, भ्रमर ळछमण कर वेध्यो॥
सो बाणं आज तो कर चढयो, चंद विरद सच्चों चवें।
चौवान राण संभर धणी, मत चूकैं मोटे तवे॥
ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो गोकुळ में कानह।
ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो हथह भीम कर॥
ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो राम रावण संतावण।
ईसो राज पृथ्वीराज, जिसो अहंकारी रावण॥
बरसी तीस सह आगरों, लछन बतीस संजुत तन।
ईम जपे चंद वरदाय वर, पृथ्वीराज उति हार ईन॥
Father day
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-*शंभु चौधरी*-
पिता, पिता ही रहे ,
माँ न बन वो सके,
कठोर बन, दीखते रहे
चिकनी माटी की तरह।
चाँद को वो खिलौना बना
खिलाते थे हमें,
हम खेलते ही रहे,...
5 हफ़्ते पहले
jay veer viram dev chouhan ...........
jay veer viram dev chouhan songra mamaji........ very well
hukam guman singh ji rao ......