ऐकारू पातल आय , दिल्ली पतशाह दाखवे !!
ले हिन्दुआ सुरज महाराणा प्रताप रा दुहा वूं म्हैं कंठ लगाय , परम वीर ज पातला !!१!!
भलै कैई आया भूपती , अकबर कदमां आय !!
पड़े नह कबहू पाय , प्राण जठा तक पातलो !!२!!
मांनै सगळां महपती , कबूल आधीनता कीन !!
पण न मांने प्रतापसी , प्रणधर रांण प्रवीन!!३!!
अकबर रौष कर आवियो , करे बहू मन क्रौध !!
नमावूं मेवाड़ी नाथ ने , दिके महा भड़ जौध !!४!!
अपार संग ले आवियो , सज सैना समराथ !!
पड़ीयो हाथां प्रताप रे , मुगल नमायो माथ !!५!!
चैतक थे डाबे चाड़ेया , के मुगलां रा कंध !!
पाळेयो रांण प्रतापसी , सुरज वंश सबंध !!६!!
धमरोळया घोड़ां धके , दे अरियां सीर दौड़ !!
छत्रपती रांण सिसोदियो , मेवाड़ो जग मौड़ !!७!!
रजवट धर रखवाळ हैं , धजबंध वंको धींग !!
जुझयो पण झुकयो नहीं , तेह एसो तरसिंग !!८!!
मीठा मीर डभाल
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