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बात बात में ठाकरां आपरौ नूर गमायौ

Rao GumanSingh Guman singh

ऐक ठाकर साब रै कनै घणा रिपिया व्हैगिया तो उणनै घमंड आय गियौं। वै दिन रात रिपिया रै घमंड में रैवता। ऐक दिन री बात हैं। वे रावला सूं आपरा घोड़ा माथै सवार होय नै गांव में घूमण नै निकळिया। ऐक सेठ री दुकान रै आगै पूग्या तौ सेठ आपरी मूंछौ माथै ताव दियौ। ठाकर नै लागौ कि औ सेठ म्हारौ अपमान कर रियौ हैं। ठाकर सेठ सूं कह्यौं-थ्ज्ञू म्हनै देखनै मूंछौ माथै ताव दे रियौ हैं, आ बात ठीक नीं हैं। सेठ कह्यौ-मूछां म्हारी हैं, म्हैं ऐक नीं दस बार ताव दूं, म्हारी मरजी, आपणै इणसूं कई फरक पडैं। म्ॅहारी मूंछा म्हैं घणौं तेल पाय नै मोटी करी हूं, इण सारू ऐक नीं दस बार ताव लगांऊ, म्हारी मरजी। ठाकर सा नै इण बात सूं खासी रीस आय गी। वे सेठ नै घणी खरी-खोटी सुनाई। सेठ सूं कह्यौं, आज सूं आपरै म्हारै बीच वैर व्हिगयौ। अबै देख लेवांला सेठ भी ठाकर साब री ललकार माथै कह्यौं, ठीक हैं, बैर हैं तौ बैर हीं सही। मैदान खुलों हैं, टैमआवैला जद म्है भी देख लेवूंलां। ठाकर नै आ बात अघणी अखरी। वै लड़ाई री तैयारी करण लागा। आगती-पागती सूं तीर, तलवार अर बंदूका मगवाई। सगळा सगां संबंधिया नै अेक साथै बुलाया अर तनख्वाह देवण वाला सैनिक भैळा करिया। ठाकर उणनै घणौ खिलावतौ, पिलावतौ सगळा री सुख सुविधा रौ ध्यान राखतौ। लारै जातौ लड़ाई रौ दिन तय व्हियौ। ठाकर आपरा सगळा मिनखा रै सागै हथियारां सूं लैस व्हैणै सेठ री दुकान रै आगै पूग्या। सेठ उण टैम आपरा काम में लागौड़ा हा। वौ लड़ाई सारू तैयारी नीं करी ही। ठाकर सेठ ने ललकारतौं कह्यौं, आ जाऔ मैदान मंे। सेठ उठकर ठाकर नै मुजरौ करियौ कह्यौं, आप सूं म्हारी कैड़ी लड़ाई। आप म्हारा राजा अर म्है थ्हारी प्रजा। आ तो सेठ हाळीं मूछ हैं, यों नी सही तो यो सहीं। अेड़ो कह सेठ आपरी मूंछा रा बळ खोल दिया। ठाकर घणौं पछतायौं कै सेठ सूं यूं ही राड़ पाल ली अर इण राड़ में अपरौ सगळौ धन पाणी म्है डाल दियौ।