आ मन री बात बता दादी।
कुण करग्यो घात बता दादी।।
भाषा थारी लेग्या लूंठा।
कुण देग्या मात बता दादी।।
दिन तो काट लियो अणबोल्यां।
कद कटसी रात बता दादी।।
मामा है जद कंस समूळा।
कुण भरसी भात बता दादी।।
भींतां जब दुड़गी सगळी।
कठै टिकै छात बता दादी।।
ओम पुरोहित 'कागद'
प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
अधिवक्ता और *अखिल भारतीय मारवा...
2 हफ़्ते पहले
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