पूछो ना म्हे कितरा सोरा हां दादा।
निज भाषा बिना भोत दोरा हां दादा।।
कमावणो आप रो बतावणो दूजां रो।
परबस होयोड़ा ढिंढोरा हां दादा।।
अंतस में अळकत, है मोकळी बातां।
मनड़ै री मन में ई मोरां हां दादा।।
राज री भाषा अचपळी कूकर बोलां।
जूण अबोली सारी टोरां हां दादा।।
न्याव आडी भाषा ऊभी कूकर मांगां।
अन्याव आगै कद सैंजोरा हां दादा।।
ओम पुरोहित 'कागद'
प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
अधिवक्ता और *अखिल भारतीय मारवा...
2 हफ़्ते पहले
OM PUROHIT KAGAD JI NE MARI OR SU GANI GANI BADHAI
AN RAJASTHANI GAZAL PADAWA WATE
BAHUT KHUB
SHEKHAR KUMAWAT
http://kavyawani.blogspot.com/