ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ - ॐगणपतयै नमः *ॐ
गणेश स्तुति (छन्द त्रिभंगी में)
(नवल जोशी कृत )
ॐॐॐॐॐॐॐ
जय हे गणनायक सिद्धिप्रदायक
सब सुखदायक वरदायक ।
भक्तन प्रतिपालकविघ्नविदारक
सकल सुधारक फलदायक ॥
लम्बोदर देवा सिमरथ सेवा
जगत कुटेवा हर लेवा ।
भव संकट तारण पाप विदारण
पत रखवाळण सुर देवा ॥
हे रिधसिध दाता प्रकट विधाता
जगविख्याता शुभ दाता ।
प्रथमः आराध्यं जीवन साध्यं
विकट विबाध्यं हर त्राता ॥
हे गवरीनंदन नमो निरंजन
भव भय भंजन सूंडाळा ।
मूषक असवारी जय असुरारी
गजतनधारी विरदाळा ॥
मोदक तव अर्पण भाव समर्पण
सिरधा सिमरण आप ग्रहो ।
अंतस उजियाळा कर सूंडाळा
मम ह्रिदयाळा आन रहो ॥
--- नवल जोशी
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